परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा के फार्म में शैक्षिक योग्यता के प्राप्तांक, पूर्णांक, प्राप्त प्रतिशत के अलावा रोल नंबर या अनुक्रमांक आदि में गलती करने वाले अभ्यर्थियों ने मंगलवार को शिक्षा निदेशालय स्थित बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इन अभ्यर्थियों की मांग है कि मोबाइल नंबर संशोधन की तरह इन त्रुटियों में संशोधन का भी अवसर दिया जाए।
प्रदेश के विभिन्न जिलों से जुटे अभ्यर्थियों का कहना है कि दिसंबर 2018 में जब लिखित परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे थे तो उस समय वेबसाइट ठीक से काम नहीं कर रही थी। बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने साइबर कैफे वालों की मदद से फार्म भरा था कैफे वालों ने गलती की है जिसके चलते उनकी सारी मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
सरकार से मांग की कि उनके मूल प्रमाणपत्रों की जांच करके शपथ पत्र लेते हुए प्राप्तांक, पूर्णांक, प्रतिशत, रोल नंबर , अनुक्रमांक या माता-पिता का नाम वगैरह जो भी गलत है उसे संशोधित करने का अवसर दिया जाए। अभ्यर्थी रोहित तिवारी ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद में सुनवाई नहीं हो रही है इसलिए अब वे लखनऊ निदेशालय में धरना देने जाएंगे।
संशोधन की मांग करने वालों में प्रयागराज के श्वास्वत द्विवेदी व विपिन कुमार, निशा परवीन बाराबंकी, दिनेश कुमार व रेखा बरेली, प्रियंका सिंह इटावा, पूजा कुमारी सहारनपुर, विपिन कुमार गोंडा आदि शामिल हैं।
प्राप्तांक पूर्णांक की गलती से प्रभावित होगी मेरिट
शिक्षक भर्ती के आवेदन अपने फार्म में संशोधन की मांग कर तो रहे हैं लेकिन प्राप्तांक एवं पुराण की अचूक के कारण जिलों की मेरिट प्रभावित हो जाएगी। दरअसल बेसिक शिक्षा परिषद ने लिखित परीक्षा के फार्म में दी गई सूचना के आधार पर जिलों का विकल्प भरवाया है। अब यदि किसी का गलती से अधिक अंग चडगया है तो उसका * अधिक हो जाएगा और मेरिट में ऊपर हो जाएगा। काउंसलिंग के दौरान ऑनलाइन फार्म में लिखा गया नंबर मूल प्रमाण पत्र से नहीं मिला तो चयन होना मुश्किल है।
69000 शिक्षक भर्ती में प्राप्तांक पूर्णांक की गलती के संशोधन की मांग
Reviewed by Akash
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May 27, 2020
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